Thursday, February 12, 2009

India’s Victory on Pakistan’s Admission!

The secular UPA leadership and the media are elated on the reported admission of the Pakistani establishment that the Mumbai Terror attack has a link with Pakistan. The leaders are claiming big victory of the Congress and the UPA Government. The super secular media too is supportive of this approach. The Indian media has created a war like situation in the drawing rooms against Pakistan after the Mumbai attack, threatening Pakistan with grave consequences as if the media had the power to attack and destroy Pakistan.
Shouldn’t we see the Pakistani reply at its face value? At the very outset Pakistan had come out with the possibility of the hand of Non-State actors in the act. It banned Jamaat-ud-dava due to the pressure of the US without much fuss. Now it has named Lashkar as the organization that could be behind the attack. And Lashkar is also a banned outfit and a non state actor.
WHAT IS NEW THAT HAS COME FOR US TO FEEL VICTORIOUS?
Dr. JAI PRAKASH GUPTA, AMBALA.
+91-9315510425

Local Support to Mumbai Attacks!

It is really astonishing that the secular intellectuals here in India of Politics- Media are so much hesitant to swallow the Correct anxiety of Narendrabhai Modi about the local logistic support of the terrorist who created havoc in Mumbai on 26-27 & 28 November 2008, that they are painting Modi Antinational and pro Pakistani. What has happened to the thought process of the seculars of this country? Anyone trying to go into the Mumbai terror attack honestly shall have to think of the local support, without which the incident of this magnitude is just impossible. We can understand the Congress leaders and some politicians of their pro jihadi approach, but why Indian media too behaves as touts of the secular politicians? The simple argument put forward by Modi should have been taken forward by the media in its Earnest face value, but alas!
It seems that the Anti terrorist approach of the Secular India is centered at 1. Pakistan to pacify the Hindu supporters and 2. Hindu terrorists belonging to RSS to please the Jihadi vote bank. The UPA establishment is bent upon alleging Hindus for all terrorist activities in the country and wherever there is a muslim name it is Pakistani . The seculars are making all out efforts to prove that no Indian Muslim is a terrorist, rather it is the Hindus who are involved in terror acts.
THIS IS A VERY DANGEROUS TREND AND WE HAVE TO STOP IT AT ALL COSTS.
Dr. JAI PRAKASH GUPTA, AMBALA.
+91-9315510425

Sunday, February 1, 2009

अशोक चक्र-२००९(Ashok Chakras-2009)

अशोक चक्र-२००९(Ashok Chakras-2009)
इस वर्ष गणतन्त्र दिवस के अवसर पर १३ अशोक चक्र सम्मान दिये गए हैं, अप्रत्याशित- अभूतपूर्व! क्या इस गत वर्ष में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा इतने अधिक शौर्यपूर्ण कार्य किये जिन्हें पुरस्कृत करना आवश्यक था? क्या बीते वर्ष में भारतीय सशस्त्र बलों ने किसी प्रत्यक्ष युद्ध में शत्रुओं पर कोई निर्णायक विजय प्राप्त करने का अभूतपूर्व कार्य किया? कदाचित नहीं।
इस वर्ष घोषित किये गए अशोक चक्र प्राप्तकर्ताओं में एक दिल्ली पुलिस के अधिकारी श्री शर्मा हैं, जिन पर इसी सरकार के एक से अधिक वरिष्ठ मन्त्रियों द्वारा प्रश्नचिह्न लगाया गया जिसका मुखर समर्थन सरकार के समर्थक दलों के नेताओं द्वारा भी किया गया। अभी भी बठला हाउस, जामिया नगर में हुई मुठभेड़ पर प्रश्नचिह्न जस का तस है, वह भी सत्ताधारी दल व समर्थक दलों के नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण।
२६ नवम्बर का आतंकवादी आक्रमण पूरे भारत में एक ह्रदयविदारक घटना के रूप में सभी भारतीयों ने अनुभव किया। लगभग ३ दिन तक केवल १० जिहादियों द्वारा सम्पूर्ण भारतवर्ष को जड़ कर दिया जाना व इस अवधि में लगभग २०० लोगों का मृत्यु को प्राप्त करना वास्तव में उन जिहादी वीरों के ऐसे जिहादी शौर्य का प्रदर्शन था जिसके आधार पर इस्लामी दर्शन के अनुसार उनको शहीद कहना तर्कसंगत होगा व शहीद शब्द से न्याय। किन्तु भारतीय सुरक्षा बलों की असहायता इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु स्वयं ही प्रकट करती है। विशेषकर ATS मुम्बई के सर्वश्री हेमन्त करकरे, सालस्कर व काम्टे की हत्या के लिये जिहादियों की दक्षता की प्रशंसा ही की जा सकती है। भारत के लोग जिनके शौर्य का गणगान करते नहीं थकते, उन्हें कितनी सरलता व सहजता से वे जिहादी परलोक पहुंचा गए। अब ऐसे तीनों पुलिस अधिकारियों के लिये जिहादी शब्द शहीद का प्रयोग अथवा उनकी वीरता की चर्चा करना वीरता के उपहास जैसा है। और अब इनके लिए अशोक चक्र! वाह रे भारतीय शासन, बलिहारी हूं आप पर, आपके अनेकोम उपकारों में आपने एक और उपकार की वृद्धि की है जो आपके द्वारा इस अभागे राष्ट्र पर किए गए हैं।
किन्तु आप इतने सरल भी नहीं हैं। इन तीनों को अशोक चक्र देने का कारण निश्चित रूप से इनकी वीरता है, जो इनके द्वारा आपने हिन्दु राष्ट्रवादी साधु साध्वियों को आतंकवादी के रूप में घोषित करवा व उन्हें प्रताड़ित करवा कर दर्शाई है। इसी शौर्य के कारण ही तो दिया गया ये सम्मान।
उपरोक्त दोनों कृत्यों से आपने बठला हाउस घटना के विवाद के कारण लगे कलंक से मुक्ति पाने का प्रयास किया व दूसरी ओर एक सशक्त संदेश अपने जिहादियों को भी दे दिया कि आप भारत में होती आतंकवादी हिंसा को हिन्दु आतंकवाद मानते हैं व इसको समाप्त करने को संकल्पबद्ध हैं, जिहादी अपना जिहाद निश्चिन्त हो जारी रख सकते हैं।

डॉ. जय प्रकाश गुप्त, अम्बाला।
+९१-९३१५५१०४२५